पहले एक कमाता था नौे खाते थे इस लिये उसे नौकरी कहते थे, फिर एक कमाता था चार खा लेते थे इसलिये उसे चाकरी कहते थे,
फिर जितना मिलता था वो तन के लिये ही पूरा था इस लिये उसे तनखा कहते थे, अब तन को भी पूरा नहीं पड़ता इसलिये उसे वेतन कहते हैं….
पहले एक कमाता था नौे खाते थे इस लिये उसे नौकरी कहते थे, फिर एक कमाता था चार खा लेते थे इसलिये उसे चाकरी कहते थे,
फिर जितना मिलता था वो तन के लिये ही पूरा था इस लिये उसे तनखा कहते थे, अब तन को भी पूरा नहीं पड़ता इसलिये उसे वेतन कहते हैं….